दिल की अनुभूतियों को कोशिश की है शब्दो में पिरोने की, एक चाहत है उसकी सुरभि से आपके अंतर्मन को भिगोने की।
"ललित" कवि तो हर पल लिखता है... कवि तो बस अंतर्मन भावो को लिखता है ! "ललित" कवि तो हर पल लिखता है... कवि तो बस अंतर्मन भावो को लिखता है !
मौन में तुमको पाऊं जो गर मौन में तुमको पाऊं जो गर
मै ....अक्सर दर्द पर ही अल्फाज़ सजाया करता हूं। मै ....अक्सर दर्द पर ही अल्फाज़ सजाया करता हूं।
हां....... मेरी जिंदगी एक खुली किताब है। हां....... मेरी जिंदगी एक खुली किताब है।
अश्कों की उसी स्याही से पन्नों पर लफ़्ज़ों को सजाता हूं अश्कों की उसी स्याही से पन्नों पर लफ़्ज़ों को सजाता हूं
बदनाम करते है लोग, बेनाम को नाम देते हुए बदनाम करते है लोग, बेनाम को नाम देते हुए
मुझे क्या फ़िक्र मैं कश्तियां और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ........ मुझे क्या फ़िक्र मैं कश्तियां और दोस्त बेमिसाल लिए बैठा हूँ........
कुछ अनकहे अल्फाज़ कुछ न समझ इशारे कुछ अनकहे अल्फाज़ कुछ न समझ इशारे
आधुनिक विचारों की बेड़ी हूं जा मैं अलग हूं पर गलत नहीं...! आधुनिक विचारों की बेड़ी हूं जा मैं अलग हूं पर गलत नहीं...!
यूं हम दोनों एक दूजे के लिए खास हो गए। यूं हम दोनों एक दूजे के लिए खास हो गए।