मेरी जिंदगी की खुली किताब
मेरी जिंदगी की खुली किताब
हां.......
मेरी जिंदगी एक खुली किताब है
बीते हर दशक की इसमें अजब गजब दास्तां है
इसके हर पन्ने पर रखा मैने हिसाब है
कुछ पन्ने
मेरी तरह निराश और उदास है......
शायद मोहब्बत की बेबफाई और
टूटे रिश्तों के गहरे राज है
अश्कों से धुले लहू के बड़े बड़े निशान है
कही रंगीन शामें कही तो
महफिलों की अज़ान है
हर पन्ने पर गणित सा हिसाब है
कही गुनगुनाती धूप तो अंधेरों से गहरी शाम है
अपनो की नफरत,
गैरो की मोहब्बत की भी दास्तां है
मेरी जिंदगी एक खुली किताब है!!!!
मेरी जिंदगी....!!