महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप
राणा के घर जन्मा बालक, हर्षित हुए प्रजापालक,
तेजस्वी व वीर कुंवर सा, प्रतापी था वह शूरवीर सा
बल था जिनका चट्टान समान, वतन पे हारे थे वो प्राण
पुरखों का इतिहास दोहराया, मातृभूमि का गौरव लौटाया,
जय एकलिंग जी कहकर देश को स्वतंत्र करवाया।
समस्त राजपुताने का मान, मेवाड़ की बन गया जो शान
कहलाया भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप महान।
प्राण से प्यारा अश्व चेतक, बन गया जो मुगलों का विनाशक,
दे गया समस्त भारतवर्ष को स्वंत्रता की अनमोल विरासत।
राणा का इतिहास अमर है, करते गुणगान वीर कुंवर है
धोरों की धरती का लाल जग प्रसिद्ध है जिनका शौर्य व भाल।
भारत के सच्चे सपूत,ऐसे थे वे वीर राजपूत,
मातृभूमि की रक्षा कर बन गए प्रजा के देवदूत।
करता जिसे समस्त जग वंदन, जयवंता के प्रिय वह नंदन,
शौर्य गाथाओं की राह पर चलकर पोषित हुआ उनका बचपन।
स्वाधीनता ही जिसकी शान, स्वाधीनता ही जिसका अभिमान,
कहलाया वह वीर सपूत महाराणा प्रताप महान।
नमन है ऐसे शक्तिवीर को, वंदन है ऐसे महावीर को,
समस्त जग जिसे करे प्रणाम, महाराणा प्रताप है उनका नाम।
अजब है उसका शौर्य निराला, साज-सज्जा जिसका कवच व भाला,
फूल सा कोमल हृदय पर नस- नस में स्वाधीनता की ज्वाला,
मन में धारण किए धीरता, तन में जिनके बसी वीरता।
मुख पर जिनके चाँद सा तेज, पवन सा जिनका है वेग,
समस्त राजपूताना का मान, मेवाड़ की गौरवशाली शान
कहलाया जो भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप महान।