मेरी परी
मेरी परी
नन्हीं सी परी मेरी, उड़ने लगी है
मासूम सी नटखट गुड़िया चेहकने लगी है,
खिलखिला उठता है,मेरा घर आंगन,
गूंज उठता है एक - एक अंजुमन
जब नाचे है,वो छम छम छम छम।
हम सब का मन हर्षाए,
मधुर आवाज मन शीतल कर जाए
जब गुस्सा हो, ज्वालामुखी शरमा जाएं,
जब शांत हो, मस्त पवन बन इतराए
एक - एक बोल, लगे अनमोल
उसका साथ जीवन में ताज़गी लाएं।
नखरा न कोई, दुखड़ा न कोई
अपने आप में मस्त,अनमोल रतन हो कोई
हमारी जिंदगी की वो चाहत
हमारी वो खुशी
हमारी प्यारी, एक नन्हीं परी।