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sai mahapatra

Tragedy

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sai mahapatra

Tragedy

मेरी मां की याद आती है

मेरी मां की याद आती है

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कब दिन होता है और कब होती है रात कुछ पता नहीं चलता

जबसे तू मुझे छोड़ के गई है सुख और दुःख एक जैसे ही लगते हैं,


आज भी मुझे याद है तुम्हारा वो हाथ पकड़ कर मेरा चलना सीखना

आज भी मुझे याद है मुझे सुलाने केलिए तेरा वो लोरी गाना, 


मां तू जानती है कि नहीं आज भी मुझे अंधेरे से डर लगता है

तेरा हाथ पकड़ कर सोने को मेरा जी करता है,


मां तेरे बगैर कुछ अच्छा नहीं लगता,

मां तुझे याद है तू मुझे खिलाया करती थी अब कुछ खाने का ही मन नहीं करता,


मां अब मेरे गलती करने पर कौन मुझे टोकेगा

क्या है सही और क्या है ग़लत कौन मुझे समझाएगा?


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