मेरी कहानी
मेरी कहानी
एक दिन फिल्म बनेगी मेरी भी कहानी पर ,
दांव खेला जायेगा मेरे ऑंखों के पानी पर,
सच जो फिल्माया जाये तो होगी बड़ी मुश्किल,
नकाब उतर जायेंगे नाग छोड़ कर भागेंगे बिल,
बहुत सारों को हमने दूध पिला आस्तीन में पाल रखा है,
जिसने सीखे लिखने के हुनर उसमें हमें ब्लाक रखा है,
पीठ पर वारों की अब मैं कोई गिनती नहीं करती हूं,
कइयों के राज हो दफन किये जीवित प्रतीत होती हूं,
फिल्म जो बनी तो आत्मकथा भी लिखना होगा,
दिल पे लगे जो पैबंद उन्हें रफू भी करना होगा,
किस किस का नाम लूं मैं अदाकार सभी आला थे,
उजले से दिखते थे पर दिल सभी के हद काला थे ,
कौन लगायेगा पैसा इस लुटी पिटी सी कहानी पर,
मसाला तो बहुत है पर ब न आयेगी जिन्दगानी पर,
जी करता है उजागर कर दूं आज नाम उन लोगों का,
छुरा घोंप जो जा बैठे हैं बन सदस्य निर्णायक दल का,
छोटी छोटी तारीफों के लिये धोखा देना जिनका काम है,
एक पुरस्कार के लिये करते जो दोस्ती का व्यापार है ,
फिल्म बना एक एक अवार्ड सब उन लोगों के नाम कर दूं,
कत्ल कर के भरोसे का दिखाते रूप तार तार कर दूं,
नामकरण जब हो फिल्म का "विश्वासघात" सटीक लगे,
मार तमाचा सबके मुंह पर शूट सीन के बीच लगे,
बनेगी जरूर फिल्म मेरी पर निर्णायक दल ऊपर होगा,
हर एक सीन का फ्लैशबैक जब सामने रिपिट होगा,
उस निर्णायक दल पर कर भरोसा कभी ना मैं निराश हुई,
आयेंगे सभी बारी बारी अभिनय प्रवीणता खाक हुई,
रह जाती है सारी चालाकी मक्कारी कितना कोई शातिर हो,
कैमरे की जद में मिलता हर कर्म का लेखा जोखा चाहे कितना भारी हो,
भाग सके तो भाग ले किंतु उस नजर से कैसे बच पायेगा,
ऊपर वाले की फिल्म चलेगी तो मात वहीं पर खायेगा ,
भूल जाते हैं कर्मों के आधीन तो ईश्वर की भी सत्ता है,
झूठे का मुंह होता है काला क्योंकि सच्चाई की महत्ता है..!!