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Prangya Panda

Abstract Tragedy

4.5  

Prangya Panda

Abstract Tragedy

मेरी दीवाली

मेरी दीवाली

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काफी अंधेरा है दुनिया में, दीवाली तुम मेरे लिए रोशनी लेकर आना,

गम बहुत है जिंदगी में, दीवाली तुम मेरे लिए खुशियां लेकर आना,

ताने लोगों की, गाने बेइज्जती की लोग सुबह शाम गा रहे हैं,

थोड़ा सा सुकून चाहिए, दीवाली तुम मेरे लिए हिम्मत की चिंगारी लेकर आना।

शोर पटाखों की बहुत होने वाली है, दीवाली तुम मेरे लिए जोश लेकर आना,

मैं हारना नहीं चाहती हूं, दुनिया को जिताकर, दीवाली तुम मेरे लिए भरोसा लेकर आना,

यहां कहानियां सुनकर लोग बस बातें करते हैं, साथ देने कोई आता नहीं,

अकेला सा परिंद

ा हूं, उम्मीद सच्चे यारों की है,

दीवाली तुम मेरे लिए असली दोस्त लेकर आना।

भगवान को पूजते तो बहुत है यहां, पर इंसानों को चोट देकर,

दीवाली तुम मेरे लिए भक्ति और इंसानियत का मिश्रण लेकर आना,

पूर्वजों को श्रद्धा दिखाकर नमन करते हैं, साथ रहने वालों की खैरियत भी नहीं पूछते,

दीवाली तुम मेरे लिए अपनों का एहसास लेकर आना,

चले भी जाओ तो, इन चीजों को मेरे साथ छोड़कर ही जाना तुम,

दीवाली, कुछ बाकी है, कुछ साथ ही है, अगली बार जब आओ

मेरे लिए अपने हिसाब से कुछ लेकर आना।



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