आज़ादी की कहानी
आज़ादी की कहानी
टूट कर चाहने वाला प्यार हर नागरिक अपने भारत माता से करता है,
अपनी मां की हिफाज़त के लिए पल पल उसका बच्चा मरता है।
खून की बरसात जब ज़मीन पर हुई थी,
तब इस देश को आज़ादी छुई थी।
कोई शरहद पर लड़कर अपनी मां का ऊंचा सर करता है,
कोई आसमान को छूकर अपनी मां का दर्ज़ा बताता है।
देन है यह आज़ादी हमें उन वीर स्वतंत्रता संग्रामियों की,
जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए लड़ते - लड़ते अपनी प्राण त्याग दी।
हमारी सांसें उनकी जिंदगियों की कर्ज़दार है,
उनके बलिदान और शहादत का यह देश ता उम्र जताता आभार है।
हारे नहीं थे वीर हमारे जब मौत सामने आ कर खड़ी हुई,
हंसते हुए कहा मेरी जान की कीमत आज़ादी है तो यही सही।
आज़ादी महज़ अल्फाज़ नहीं बलिदानों की कहानी है,
आज़ाद परिंदों के जहन में यह बात अब बसानी है।
