धागा स्नेह का
धागा स्नेह का
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कलाई पर भाई की बंधेगा धागा स्नेह का,
दुनिया में अनमोल है यह रिश्ता भाई बहन का।
जहां लड़ने की देरी बिल्कुल भी नहीं होती,
जहां एक दूसरे की तकलीफ बिल्कुल सही ना जाती।
गलियों की गुणगान तो होते हैं रात और दिन,
पर अधूरा है बचपन इन छोटी छोटी खुशियों के बिन।
चोट लगने पर दिल दहल जाता है भाई का,
भाई रखवाला है बहन की खुशियों का ।
चिढ़ाना हो या लड़ना हो बस हक भाई का रहता है,
अगर कोई दूजा करे तो उसका हाल भाई बेहाल करता है।
