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Harish Chamoli

Romance

5.0  

Harish Chamoli

Romance

मेरी बेदाग मोहब्बत

मेरी बेदाग मोहब्बत

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जब तुम रूठ जाती हो, प्यार से मैं मनाता हूँ

अपनी बेदाग मोहब्बत को मन से मैं निभाता हूँ।

नहीं आता मुझे अब तो कि कैसे तुम्हें रिझाऊं मैं

तुम्हें मुस्कान दिलाकर ही अब मैं चैन पाता हूँ।


नादानियों को तेरी अपने दिल से मैं लगाता हूँ

मस्तियों की बारिशों में भीग सा मैं जाता हूँ।

गहराई मेरे प्रेम की अब, नहीं बयाँ कर पाऊं मैं

डूब कर फिर गहराई में, प्रेम के गीत मैं गाता हूँ।


नूर से तेरे चेहरे के अपना जीवन महकाता हूँ

तेरी प्यारी इन आँखो में, मैं अक्सर डूब जाता हूँ।

लालिमा को दिवाकर की अकेले में निहारूँ मैं

उसी लाली से फिर तेरे लबों को मैं सजाता हूँ।


तेरी खातिर मोहब्बत में मैं हर हद से गुजर जाता हूँ

तुझे मालूम भी न है, मैं तुमको कितना चाहता हूँ l

तेरी आँखों में आँसू का एक कतरा न आने दूँ

तेरी खुशियों की खातिर मैं जान अपनी लुटाता हूँ।।


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