Dr Lalit Upadhyaya
Drama
मैं मरी हूँ
मेरी आत्मा जिन्दा है,
लोग अब भी मेरी
सूरत पर फिदा है।
दूर हो गए लेकिन
कहाँ हम जुदा है,
आत्मा मेरी, पिंजरे में
बंद परिंदा है।
कल्याणी है ना...
प्रकृति का मं...
उत्तर प्रदेश ...
वोट है जरूरी
ऊंट किस करवट ...
खेला होवे ?
चलें प्रकृति ...
माँ का आशीर्व...
घर में बीते ब...
क्या कहूँ?
हाँ, मेरी मेहबूबा बदल गई हाँ, मेरी मेहबूबा बदल गई ! हाँ, मेरी मेहबूबा बदल गई हाँ, मेरी मेहबूबा बदल गई !
डगमगाने लगा स्वर्ग सिंहासन, गगन मैं दानवों दी किलकारी हैं। डगमगाने लगा स्वर्ग सिंहासन, गगन मैं दानवों दी किलकारी हैं।
एक पार्टी का नेता बोला मैं सरकार से कह कर आपके लिए पक्के मकान बनवा दूंगा। एक पार्टी का नेता बोला मैं सरकार से कह कर आपके लिए पक्के मकान बनवा द...
बचपन की शरारतें और यादें ऊर्जा से भर देती है l लड़कपन की इतराती, इठलाती यादें दिल को बचपन की शरारतें और यादें ऊर्जा से भर देती है l लड़कपन की इतराती, इठलाती यादे...
उसके हिस्से की ख़ुशियाँ रौंदकर, ठहाके लगाते हैं झूम झूमकर। उसके हिस्से की ख़ुशियाँ रौंदकर, ठहाके लगाते हैं झूम झूमकर।
रहिए ना अब ऐसे भरम में मिलेंगे हम अब अगले जनम में रहिए ना अब ऐसे भरम में मिलेंगे हम अब अगले जनम में
अजीब थी वो सर्दी वाली बारिश की रात अजीब थी वो सर्दी वाली बारिश की रात
इस ओर हर ओर, मैं देखूं जिस भी ओर, एक उत्सव सा लगता है। इस ओर हर ओर, मैं देखूं जिस भी ओर, एक उत्सव सा लगता है।
किसी की न कीजिए तलाश अब रुक जाइए करिये आराम बस ! किसी की न कीजिए तलाश अब रुक जाइए करिये आराम बस !
सीधा सादा भोला भाला और स्वभाव से निराला रहता हूँ मैं जनम से धनबाद में। सीधा सादा भोला भाला और स्वभाव से निराला रहता हूँ मैं जनम से धनबाद में।
बहुत जल्द मेरी तुम्हारी अधूरी मोहब्बत से आखिरी मुलाक़ात होने वाली है। बहुत जल्द मेरी तुम्हारी अधूरी मोहब्बत से आखिरी मुलाक़ात होने वाली है।
कई बार दोस्तों से खेल खेल में कट्टी और फिर अब्बा किया करते थे कई बार दोस्तों से खेल खेल में कट्टी और फिर अब्बा किया करते थे
भारतीयों के लिए भी कश्मीर एक आकर्षक जगह है, कश्मीर अपने आप में एक अनूठा अनुभव है, भारतीयों के लिए भी कश्मीर एक आकर्षक जगह है, कश्मीर अपने आप में एक अनूठा अनुभ...
तू ख़्वाब अधूरा मगर सुंदर बहुत है तू दर्द है सीने में... ये राहत बहुत है तू ख़्वाब अधूरा मगर सुंदर बहुत है तू दर्द है सीने में... ये राहत बहुत है
वही होगा यहां पर बेईमानों का बाप जिसके भीतर जल रही, ईमानदारी आग। वही होगा यहां पर बेईमानों का बाप जिसके भीतर जल रही, ईमानदारी आग।
उसके प्रांगण में दौड़ता मेरा वर्तमान थम जाता है, तब मेरा गाँव मुझे याद आता है। उसके प्रांगण में दौड़ता मेरा वर्तमान थम जाता है, तब मेरा गाँव मुझे याद आता है...
हम पैसे को मानते है, भगवान तू मानवता को मानता है, भगवान हम पैसे को मानते है, भगवान तू मानवता को मानता है, भगवान
यह तथ्य जान लो झूठ, मुखौटों से, पहचान नहीं बनती, मानव की सुन्दर, अच्छी छवि, सच्चाई बिन यह तथ्य जान लो झूठ, मुखौटों से, पहचान नहीं बनती, मानव की सुन्दर, अच्छी छवि, स...
ये कविता समाज में महिला व् पुरुष के बीच जो भेदभाव होता है, उसपर लिखी हुई है। उम्मीद करती हु आपको पसद... ये कविता समाज में महिला व् पुरुष के बीच जो भेदभाव होता है, उसपर लिखी हुई है। उम्...
क्योंकि कुछ चीज़ों का कभी बँटवारा नहीं होता ! क्योंकि कुछ चीज़ों का कभी बँटवारा नहीं होता !