मेरे साजन ...!!
मेरे साजन ...!!
सुनो,
ख़ामोशी से कह दो अपने
अब तो कुछ बोल दे ......
एक अरसे की दूरी थी
मेरे साजन अब तो
ये भेद खोल दे..........
तुम बिन सूनी
दिल की गलियां
आँखों में एक ख्वाब
छुपा लूँ दिलबर
तुम मुझे अपना बोल दे ......
तेरी ख्वाहिशें रोज बुलाती
गुपचुप से हाल सुनाती
इस दिल का चाहत बन के
साजन मेरी मांग सजा दे.......
नई सुबह तेरे आस के साथ
हर शाम तेरा किया इंतज़ार .......
सुन लो, तुम ही मेरे धड़कन .....
मेरी साँसों पे अपना नाम लिखा दे ....!!