उम्र का प्रतिफ़ल
उम्र का प्रतिफ़ल
जोड़-घटाव सब किया..
गुणा-भाग का रहा मेल..
जाकर दिल जिनसे मिला..
सब शून्य का रहा यहाँ खेल....
दो और दो मिल चार हुए
एक और एक मिल ग्यारह
बात पते की समझ गए तो
सब शून्य का रहा यहाँ खेल....
तीन तिगाड़ा कहे काम बिगाड़ा
एक से सौ गिनती बना पहाड़ा
इकाई से मिल कर महाशंख हुए
सब शून्य का रहा यहाँ खेल....
बनते देखा, कभी बिगड़ते देखा
रिश्तों को यहाँ मोल करते देखा
अंकगणित से बीजगणित उलझे
सब शून्य का रहा यहाँ खेल....
दिल से दिल मिले तो लगे शून्य है
दिमाग से लगे दिल तो मुश्किल है
फिर गुणा-भाग हुआ, जोड़-घटाव
निकले जब समय का क्षेत्रफल है...
कि गणित जा ज्ञान मिला है सबको
जोड़-घटाव उम्र का प्रतिफ़ल है..!