या फिर बदलते वक़्त जैसे उसे तोड़ जाए। या फिर बदलते वक़्त जैसे उसे तोड़ जाए।
मैं सफर में होता हूँ तो, वो शिकन में होती है, मेरी सलामती की खातिर माँ अपने अश्कों से। मैं सफर में होता हूँ तो, वो शिकन में होती है, मेरी सलामती की खातिर माँ अपने अ...
सड़क पे पड़े बच्चों से पूछो क्या कोई उनके साथ है ! सड़क पे पड़े बच्चों से पूछो क्या कोई उनके साथ है !
टेक्नोलॉजी के असर ने, लेखक बनाया है हमें। टेक्नोलॉजी के असर ने, लेखक बनाया है हमें।
जी नफ़रत का विस्फ़ोट कराए, उसे भगवान नहीं कह सकती हूँ। जी नफ़रत का विस्फ़ोट कराए, उसे भगवान नहीं कह सकती हूँ।
दिल खोलकर प्यार जता हर्ष को फि रसे मना ले। दिल खोलकर प्यार जता हर्ष को फि रसे मना ले।