मन
मन
मन को भ्र्म में रख
सीधी बात लेकिन
मन को संभाले रख..........
धूप-छांव सा जीवन
मन को किनारे रख...........
समय की परिधि में
मन को आगे रख.....
आँखों में गर आसूँ
मन को समझाये रख .....
दुविधा जो करे दुखी
मन को जाने रख............
मन है मन की जीत
मन है मन का हार
कि सुन ए- नंदिता
मन को सुकून में रख ...!