मेरे पापा
मेरे पापा
हां मैं बिल्कुल मेरे पापा के जैसी हूं
हां नहीं है आप मेरे पास
पर कौन कहता है यह बात
जब भी खिलखिला कर हंसती हूं
तो लोग पूछते हैं कहां से सीखा यह गुण
हर वक्त इस तरह खुश रहना
तो मुस्कुरा कर कह देती हूं
हां मैं बिल्कुल अपने पापा के जैसी हूं
बेटा हमेशा कहता है कि
थकती नहीं है कभी आप
करते हुए काम
कैसे कर पाती हैं स्कूल और घर का
बिना रुके थके हर एक काम
तो बस मुस्कुरा कर
फिर वही बात दोहरा देती हूं
हां मैं बिल्कुल अपने पापा के जैसी हूं
होती रहती हैं जीवन में हमेशा नोकझोंक छोटी मोटी
बिना किसी के लिए रखे हुए मन में बैर
उनको माफ कर देती हो हमेशा हंसती हुई
कहां से लाती हो इतनी ताकत और सहनशीलता
पापा ने यह आदतें विरासत में दी थी
तभी तो मैं अपने पापा के जैसी बनी थी
नहीं गए आप कहीं यह है
यह मेरा पूर्ण विश्वास
हंसी, मेहनत से काम करना
लोगों से प्यार करना ,करना गलतियों को माफ
इन आदतों में पल-पल जीती हूं मैं जब जब
हां बस आप को याद कर लेती हूं तब तब
गर्व से कहती हूं पापा
हां मैं बिल्कुल आपके जैसी हूं।
