वो तो मेरे दिल के हाथों मजबूर हूँ मैं अबला वरना इस जालिम जुल्मी का जुल्म कौन सहता। वो तो मेरे दिल के हाथों मजबूर हूँ मैं अबला वरना इस जालिम जुल्मी का जुल्म कौन सहत...
हे मेरी सहचरी मै तो गरीब ही भला , मुझे शहंशाह नही बनना है । हे मेरी सहचरी मै तो गरीब ही भला , मुझे शहंशाह नही बनना है ।
प्राप्त करने के लिए, ताकि वह; लिपट सके अपनों के बीच...! प्राप्त करने के लिए, ताकि वह; लिपट सके अपनों के बीच...!
कब वक्त निकल जाता पता ही ना चलता कब वक्त निकल जाता पता ही ना चलता
सारी थकान मिट गयी, मन हल्का सा हो गया फिर क्या था, मैं भी उनके नीली आँखों में खो गया। सारी थकान मिट गयी, मन हल्का सा हो गया फिर क्या था, मैं भी उनके नीली आँखों में...
याद है मुझे आज भी वो सतरंगी पल पूछा करती थी मैं माँ से इतना प्रेम कहाँ से लातीं? याद है मुझे आज भी वो सतरंगी पल पूछा करती थी मैं माँ से इतना प्रेम कहा...