STORYMIRROR

Dr Payal Sharma

Inspirational

4  

Dr Payal Sharma

Inspirational

मेरी माँ

मेरी माँ

1 min
347


मां की क्या तारीफ करूं

 शब्द नहीं है मेरे पास

जब मैं होती दुखी तो

तू रहती हूं मेरे पास


खाना तूने खाया या नहीं

पूछती रहती हर एक बात

मुझसे ज्यादा तू मेरी चिंता करती

बेशक मैं झुंझलाऊँ


तेरी हर एक बात पर

पर तुम मुझसे प्यार करने से

 कभी ना पीछे हटती

मेरी छोटी छोटी जरूरत का 

 तुम ध्यान रखती


 उम्र में बेशक से हो गई हूं बड़ी

 पर आज भी हो छोटी बच्ची यह कहकर

 तेज ठहाका मारकर आज भी हंस पड़ती

>

कितने ही दिनों बाद में तुमसे मिलु

पर क्या खाएगी तू यह बात कहना


 कभी ना भूलती

समय चाहे पहले ही बता दूं

पर कब आएगी कब आएगी

 कहकर दरवाजे पर हमेशा

 टकटकी बांधकर खड़ी रहती


दुखी होकर यदि कोई बात बताऊं

तो बस यही कहती

मैं हूं तेरे साथ तू क्यो चिंता करती

मातृ दिवस पर ईश्वर से यही कामना मै करती

लंबी उम्र अच्छा, स्वास्थ्य


आपकी दुआएं मुझे हमेशा यूं ही मिलती रहेगी

अपनी मां की क्या तारीफ करूं

शब्द नहीं है मेरे पास।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational