मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
ऐ मेरे हमसफर तू यूं ही मेरे संग कदम से कदम मिलकर चल,
वक्त गुजरता रहे तेरी मेरी जिंदगानी का बनता रहे अफसाना,
तेरी मेरी यादों का एतबार करें एक दूसरे की ख़ामोशी से,
ना कोई वादा ना इरादा बस लिए हाथों में हाथ वफ़ादारी से
साथ चलते रहे, तू मुझे मैं तुझे पहचान लूँ सलीके से
तू मुझे में तुझे मान लूँ इत्मीनान से, न तू मुझसे छोटा
न में तुझसे बड़ी, बराबर का दर्जा हो तेरी मेरी जिंदगी के
सफ़र में...!!