चारों ओर बेबसी की घात है ऐसा लगता जैसे मौत बहुत पास है चारों ओर बेबसी की घात है ऐसा लगता जैसे मौत बहुत पास है
कितने ढंग से कर लेते हैं कितने ढंग से कर लेते हैं
किफ़ायत का ज़माना है सलीके से इश्क़ कीजिए! किफ़ायत का ज़माना है सलीके से इश्क़ कीजिए!
कब तक करते रहोगे बचपन की वो बेअदब सी शैतानियाँ, आओ हम तुम्हें समझदारी का पाठ पढाते! कब तक करते रहोगे बचपन की वो बेअदब सी शैतानियाँ, आओ हम तुम्हें समझदारी क...
मेरे घर के आंगन में, निकली कली, जो आँचल पकड़, मां बुलाने लगी है! मेरे घर के आंगन में, निकली कली, जो आँचल पकड़, मां बुलाने लगी है!
फ़िक्र क्या बोल कर दिल को झुठलाता हूँ मान भी जाता है वो बहलाने के बाद।। फ़िक्र क्या बोल कर दिल को झुठलाता हूँ मान भी जाता है वो बहलाने के बाद।।