कटते कटते जिन्दगी कट गयी यूँ ही अकड़ में जब बन गया लाश तब कोई ना था उसके जनाज़े में कटते कटते जिन्दगी कट गयी यूँ ही अकड़ में जब बन गया लाश तब कोई ना था उसके जनाज़े...
फ़िक्र क्या बोल कर दिल को झुठलाता हूँ मान भी जाता है वो बहलाने के बाद।। फ़िक्र क्या बोल कर दिल को झुठलाता हूँ मान भी जाता है वो बहलाने के बाद।।