मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
ए हमसफर तू कोई गीत है,तो राग मैं
तू सवेरा तो,सांझ मैं।
ज़िन्दगी अधूरी है तुम बिन,,,, हर कदम पर मौजूद तेरे साथ मैं।
मेरे हमसफर तू ग़ज़ल है,तो हर लफ्ज़ मैं।
तू अफताब तो, महताब मैं।
हर मोड़ पर हूँ खड़ी तेरे लिए,,,, तेरी सांसों की तरह तेरे पास मैं।
सुन मेरे हमसफर तू सूर्य है, तो प्रकाश मैं।
तू शशि है तो, आकाश मैं।
अधूरे हैं दोनों,बिन एक दूसरे के,,,, तू जिस्म है तो जान मैं।
तेरी एक पहचान मैं.... बन छाता हर बारिश में,,,, भीगूँ तेरे साथ मैं....!

