मेरा विश्वास
मेरा विश्वास
हवाओं का रूख जिधर है,
वहाँ मिलूगीं मैं तुम्हें।
लब जहाँ खामोश हैं,
वहाँ मिलूगीं मैं तुम्हें।
इंतज़ार करना मेरा हर मोड़ पर,
जहाँ छोड़ेगें वहीं मिलूगीं मैं तुम्हें।
माना अंधेरा बहुत है रास्तो में,
होगा जहाँ उजाला वहीं मिलूगीं मैं तुम्हें।
कठिनाइयाँ आती हैं मार्ग मे सब जानते हैं,
निरन्तर करती रहूगीं प्रयास,
एक दिन मिलूगीं मैं तुम्हें।
प्यार किया है हमने कोई गुनाह नहीं किया,
प्यार की रीत निभाऊगीं सदा,
अपने संग ले चलूगीं तुम्हें।
जब तक जान है मुझमें,
करती रहूगीं तुम्हारा इंतज़ार,
सदा प्यार करती रहूगीं मैं तुम्हें।
विश्वास करती हूँ तुम पर अपने से अधिक,
इसी आशा के सहारे,
एक दिन पा लूगीं मैं तुम्हे!!