मेरा धर्म
मेरा धर्म
आपकी हरेक
बातें सर आँखों पर
हम आपके
अंदाज के कायल हैं !
हम आलोचनाओं और
परिहासों से
नहीं घबराते,
व्यंग्य के बाणों
के तीक्ष्ण प्रहारों से
हम नहीं विचलित होते !
हम सदा सर्व धर्म
को सम्मान देते,
प्यार से ही प्यार का
सन्देश देते !
धर्म पर आघात
हम न कर सकेंगे !
दूसरे के कटाक्षों को
कभी न हम सह सकेंगे !
