मेरा देश
मेरा देश
जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं,
इसी तरह मेरे देश में कहीं कड़कती धूप है तो शीतल रातें भी,
मेरा भारत देश हमें बहुत कुछ सिखाता है,
दया, धर्म की, शांति और प्रेम की रीत हमको यह बताता है,
भाषा, बोली, खान-परिधान का देश मेरा,
दीवाली , दुर्गा पूजा, पोंगल और ओणम सब साथ मनाता है,
कितने वीर शहीदों ने अपना खून बहाया है,
इन शहीदों की खातिर ही मेरा भारत देश महान कहलाया है,
भरे-भरे खलिहानों का मेरा देश किसानों का,
जहाँ कल-कल बहती नदियाँ और शोर होता मस्त हवाओं का,
मंजिल से पहले कभी न रुकते उनके कदम,
आंधी और तूफानों से जो ना डरते ये देश है वीर जवानों का,
जहाँ सदा खड़ा रहता हिमालय सीना ताने,
हमारे जीवन प्रहरी का गौरव बनकर यहाँ बीत गए कई जमाने,
जहाँ मानवता की रक्षा करने राम धरा पर आए,
सच की जीत हो और बुराई जहाँ अधिक देर तक टिक ना पाए,
मंगल पांडे और भगत सिंह इसके थे दीवाने,
भारत देश की खातिर अंग्रेजों से लड़ गए वे अपना सीना ताने,
देश ऐसा जहाँ भिन्नता में एकता दिखाई देती है,
मेरे देश का इतिहास और संस्कृति हमसे बहुत कुछ कहती है,
मंदिर, मस्जिद और अनगिनत भाषाओं का संगम,
हिन्दुस्तानियों के मन में देश के प्रति प्रेम भावना यहाँ बहती है,