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Kusum Joshi

Classics

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Kusum Joshi

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मेरा भारत

मेरा भारत

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केसरिया रंग पे लहराता गाता,

हरी फ़िज़ाओं में शोर मचाता,

इतराता इठलाता विश्व के भूगोल में,

गगन में जैसे अठखेलियां लगाता,

मेरा भारत मुझे याद आता।


लहराती ध्वजा हमको संदेश देती,

शान्ति, हरियाली, संघर्ष का प्रतीक देती,

देती साहस वो चौबीस तीली,

हमको हर कदम पे आदेश देती,

रुक ना जाना जहां में चाहे रुके जमाना,

हिम्मत से करना कठिनाइयों का सामना,

ना होना कभी भी मायूस राह में,

इतिहास से अपने सीखते जाना,

मेरा भारत कहे आगे बढते जाना।


आवाज़ मुझे इसके पर्वत देते,

नदियां बुलाती झरने कल-कल कहते,

बहना सदा ही भविष्य नदी में,

मगर अपनी धरा को ना कभी भुलाना,

ना भुलाना वो त्याग जो किए किसी ने,

गौरवान्वित इतिहास जो लिखे किसी ने,

धरोहर को अपनी संजोते जाना,

मेरा भारत कहे आगे बढ़ते जाना।


लाखों शहीदों का सपना है भारत,

उन शहीदों की थाती का अभिमान बचाना,

चाहे कभी तेरी जान चली जाए,

पर ध्वजा कभी ना अपनी नीचे हो पाए,

इस ध्वजा को सबसे ऊपर ले आना,

ले आना वापस भारत की गरिमा,

अपने कर्मों से माटी का मूल्य चुकाना

जाना जहां भी इसे याद रखना,

नवीन इतिहास सदा ही रचते जाना,

मेरा भारत कहे आगे बढ़ते जाना।।


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