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Minal Aggarwal

Tragedy

4  

Minal Aggarwal

Tragedy

मौत के बाद की यात्रा

मौत के बाद की यात्रा

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जीवन के बाद

मौत

उसके बाद की यात्रा जो 

करनी है 

उसे इस दुनिया को बताना 

कितना है कठिन 


जीवन के बाद भी 

तो यात्रा निरंतर 

जारी रहती होगी 

उसका रूप बदलता होगा 

लेकिन वह न कभी कहीं 

रुकती होगी 


इस यात्रा में होती होगी 

बस रोशनी ही रोशनी 

ज्ञान की रोशनी 

एक नई दुनिया की 

रोशनी 

एक नये आरंभ की रोशनी 


कहीं न कोई अंधेरा होता होगा 

जीवन में जो इच्छायें नहीं होती 

होंगी पूर्ण 

वह सब अब पूरी होती होंगी 

पूरी इस तरह से कि

मन में कोई सपना पूरा हो 


यह कामना का पहाड़ ही न 

होता होगा

एक सुनहरी चिड़िया मिलती 

होगी

एक सुनहरे पेड़ की 

सुनहरी डाल पर ही बैठी 

वह भी रोशनी में 

नहाई हुई बैठी होगी 

शायद मेरा इंतजार 

देखती 


उसकी आंखों का मोती भी 

एक रोशनी के अंबार सा ही 

चमकता होगा 

कहीं से काला या 

मटमैला या 

उसकी आंखों में भी 

अंधकार से भरा न कोई 

बसेरा होगा 

यह रोशनी होगी 


उम्मीद के एक फूल की 

जहां देखो बस

रोशनी ही रोशनी भरी 

होगी 

अंधकार का किसी कोने में 

न कोई डेरा होगा।


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