मौसम में बदलाव
मौसम में बदलाव
आग उगलता सूरज कहीं ,
और कहीं शीतल रातें ,
कहीं है सर्दी ,कहीं है गर्मी ,
कहीं है रिमझिम बरसातें,
मौसम बदल रहा है ,
अपनी रंगत को कैसे ,
छोड़ दिया उसने ,
अपनी पुरानी संगत को कैसे ,
कहीं दो प्यार करने वाले मिले ,
तो लगे वसंत में फूल खिले ,
और वहीं किसी के जीवन में ,
पतझड़ भी देखो आया है,
कुदरत का रूप है बड़ा अनोखा ,
मौसम में बदलाव आया है,
मौसम में बदलाव आया है I