ग़ज़ल (हिन्दी दिवस)
ग़ज़ल (हिन्दी दिवस)
पीर पर्वत सी दिखाने आ गये।
हिंद को हिंदी सिखाने आ गये।
देख हालत हिंद में कैसी मिरी-
आज खुद को ही रुलाने आ गये।
आज इंग्लिश ही पढ़ें बच्चे सभी-
दुर्दशा अपनी बताने आ गये।
है बने अपने सभी कातिल यहाँ-
गैर को अपना बनाने आ गये।
क्या खता मुझसे हुई अब तो बता-
पूछने सबको मनाने आ गये।
अश्क आँखों में लिए हिंदी खड़ी-
दर्द-ए-दिल ही आज गाने आ गये।
दिल में लेकर आह की शादाबियाँ,
हम तेरी महफ़िल सजाने आ गये।।