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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

मैं वही हूँ !

मैं वही हूँ !

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तुम्हे इतना चाहूँ,

उतना चाहूँ न कुछ और भी ।


नज़र मुझे कर दे

मेरे हिस्से का प्यार ही।


जो दिल में उजाला कर दे,

वो दीया तू जला दे।


मेरे इस आरज़ू को

आज तू पूरी कर दे।


सदियों से तुम्हें चाहूँ

ये खुदा जानता है।


पूछ अपने दिल से

वो मुझे पहचानता है।


तू ये न मानती क्युँ

तेरी मंजिल मैं हूँ ।


यकीन कर सनम,

मैं वही हूँ, वही हूँ ।


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