मैं तीन रंग का...
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मैं तीन रंग का तिरंगा
लहराता निश्छल जैसे गंगा।।
हरा है हरियाली का प्रतीक
नारंगी देता बलिदान का सीख।।
सफ़ेद देता शांति का संदेश
शिखर पर रहे विश्व में देश।।
हम हैं हिन्द देश के वीर जवान
मर मिटेंगे हम हैं देश के शान।।
हम हैं गलवान के बलवान
दुश्मन को खदेड़ खड़े हैं सीना तान।।
सर पर कफ़न बाँध वर्दी का रखते आन है।।
बीस पर हम एक पढ़ते भारी ,भारत के हम वीर जवान है।।
वतन के लिए दे देंगे जान ,चाहें आए आँधी या तूफ़ान ।।
झुकने ना देंगे कभी भारत माँ का मस्तक।।
इस मिट्टी को हमारा सलाम है।।
चाहे आए कितना भी ख़तरा बहा देंगे हर कतरा।।
वतन के लिए जान अपना क़ुर्बान है।।
दुश्मनों को खदेड़ कर फहराएँगे तिरंगा ।।
विश्व गुरू बनेगा इंडिया यही लहू की पुकार है।।
चाह जब अंतिम सफ़र पर हम जाए।।
तन पर तिरंगा औ शहीद कहलाए यही हमारा अरमान है।।