मैं तब भी तुमको गाऊंगा
मैं तब भी तुमको गाऊंगा
जिस दिन आसमां ख़ूब काला पड़ा होगा
सूरज खुद को बेबस समझ रहा होगा
मोहब्बत के फरिश्ते जंजीरों में कैद होंगे
दुनियाभर की खुशियां किसी और घर होंगे
मोहब्बत मेरा जब अंतिम सांसे ले रहा होगा
तुम पर कोई औऱ अधिकार जता रहा होगा
मैं तब भी तुमको गाऊंगा !
धरती तड़पेगी, आसमां रोएगा
तब भी जब बादल न बरसेगा
मैं तब भी तुमको गाऊंगा !
सारे धागे मोहब्बत के टूटेंगे
मोहब्बत की मोती बिखरेंगे।
चिड़ियों के घोंसले टूटेंगे
सारे अंडे उनके फूटेंगे
चंदन की खुशबू गंदी होगी
सभी प्रिय उसके छूटेंगे
मैं तब भी तुमको गाऊंगा !
कोयल बेसुरी हो जाएंगी
कौवे उन पर हंस रहे होंगे
मैं तब भी तुमको गाऊंगा !
बिखरे मोहब्बत को अपनाऊंगा
तुम्हारी सारी खता को भूल जाऊंगा
मैं तब भी तुमको गाऊंगा !
तुम्हें खुद को सौंप दूंगा
अपने दिल में रख लूंगा
भले मैं अंदर से मर जाऊंगा
लेकिन तुम्हारी संगीत गुनगुनाऊंगा
मैं तब भी तुमको गाऊंगा
मैं तब भी तुमको गाऊंगा।