मैं राग हूँ तू गीत कोई रच
मैं राग हूँ तू गीत कोई रच
मैं गुमान हूं तू अभिमान बन
मैं राग हूं तू गीत कोई रच
मिले काफ़िले तो याद रहे हम
इन जटिल राहों पे कहानी कोई बुन
ना टूटे हम ऐसी मिसाल कायम कर
मैं शब्द हूं तू आवाज़ एक अनोखी बन
वो तेज सूर्य की भी चूमे पांव हमारे ऐसी आग बन
वायु खुद रास्ता दे ऐसी हुंकार बन
ना भय की बात हो ना दफन याद की कल्पना
मैं लहर हूं तू सुनामी बन
आगाज़ से कंपकंपा दे हर फिजा
एक ऐसी सर्द रात बन
उठ ना सके कोहरा भयानकता की
चीड़ अंधकार का सीना
एक नया सवेरा बन
मैं ताज हूं तू सम्मान बन
मैं अंत हूं तू आरंभ बन
प्रेम की ज्योत जला
सृष्टि बन
मैं आसमां हूं तू चांद बन
मैं कामिल हूं तू आधार बन ।

