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Sonal Bhatia Randhawa

Abstract

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Sonal Bhatia Randhawa

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मैं नहीं बेचारी

मैं नहीं बेचारी

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कभी ऐसी कोशिश ना करना 

ना ख़रीद सकोगे तुम मेरी ख़ुद्दारी 

मैं नहीं बेचारी 

मैं हूँ आज की सशक्त नारी 


चलूँगी कदम से कदम मिलाकर 

पर ना बनूँगी परछायीं तुम्हारी 

मैं नहीं बेचारी

मैं हूँ आज की सशक्त नारी 


ग़लत हुई जो मैं तो माँगूँगी माफ़ी

पर बनूँगी नहीं ढाल गलतीयों की तुम्हारी 

मैं नहीं बेचारी

मैं हूँ आज की सशक्त नारी


तुम्हारी ज़रूरतों का रखूँगी ख़याल 

पर बनूँगी नहीं कभी बाँदी तुम्हारी

मैं नहीं बेचारी 

मैं हूँ आज की सशक्त नारी 


जो लगेगा ठीक मान लूँगी मैं 

ना करूँगी पर ग़ुलामी तुम्हारी

मैं नहीं बेचारी 

मैं हूँ आज की सशक्त नारी 


साथ दूँगी तुम्हारा हर दम 

जो तुम रखोगे मेरी ख़ुद्दारी क़ायम 

मैं नहीं बेचारी

मैं हूँ आज की सशक्त नारी।


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