मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ


मैं नारी हूँ
मैं पुत्री, मैं माता, मैं ही जन्मदात्रि हूँ
मैं एक नारी हूँ
मानव तू पहचान ना सका
एक औरत को जान ना सका
मैं दयालू, मैं भयावह, मैं ही तेरी मातृ हूँ
मैं एक नारी हूँ
पवन के झोंके, बारिश की बूँदे
भोर की किरण साँझ का दीपक
मैं खुशी, मैं दुख, मैं ही दीवा रात्रि हूँ
मैं एक नारी हूँ
तारिणी मैं, सवारिणी मैं
हर विपदा को वारिणी है
मैं विद्या, मैं संगीत, मैं ही धनवंतरि हूँ
मैं एक नारी हूँ
फूल सुगंधित मुझसे है
धरा प्रफुल्लित मुझसे है
मैं प्रकृति, मैं उलझन, दरिंदों पर मैं भारी हूँ
मैं एक नारी हूँ