Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anuradha Negi

Abstract

4.0  

Anuradha Negi

Abstract

हर कोई नहीं होता

हर कोई नहीं होता

1 min
174


कुछ कमी नहीं थी अपने घर में

पर कुछ खल रहा था दूूसरे घर में

बेरोजगार जो था हमसफर उसका

काम में बिलकुल मन न था जिसका।

बहुत बड़ा परिवार मिला था अब 

व्यस्त दिनचर्या सी बन गई थी अब 

चाहकर भी वह कुछ कर न पाती थी 

भिन्न कुछ करनेे पर सास सुुनाती थी।

११ छोटी कन्याओं का वो परिवार था 

सास को अब एक पोतेे का इंतजार था

दो बहुवें थी साथ में ही वो छोटी थी 

बड़ी तेज तर्रार नियत की बड़ी खोटी।

चली गई थी बड़ी घर का जिम्मा छोड़ 

असहाय सास और पूरा परिवार को तोड़

रहना नहीं चाहती थी वह साथ मिलकर

छोटी ने उठाया कदम और रही खिलकर।

     


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract