पीला
पीला


जब जब पीला सूरज, आसमान का सीना चीर चमकता है,
हंस रहा हो नीला अम्बर, ऐसा तब तब मुझको लगता है,
सूरज की किरणे आकर, जब भी धरती को छू जाती हैं,
प्रेम पत्र उस मस्त गगन का, वसुधा को मिल जाता है।
विषय विकार नहीं है बाधा, प्रेम अटूट जीवन का नाता,
यही बात को बोल बोल कर धरा सबको सुनाया है।।