मेरा गाँव
मेरा गाँव
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
गोबर से लिपि जाती थी, जो सीमेंट की दीवार है
ऊंचे पर्वत की बाहों से सूरज की किरणें गिरती थी
मन्द पवन की ताज़गी घर आँगन क्यारी फिरती थी
फल तोड़ने पेडों में चढ़, दिन जाने कहाँ खो जाता था
पक्षी कलरव से पड़ोस भी नव आनंदित हो जाता था
पक्षियों का कलरव आज भी है, आज भी बसंत बहार है
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
लकड़ी के चूल्हे से बनी चाय का गिलास थमाया था
छलका कर पानी धारे से जब तड़के कोई लाया था
नलके पानी चंद घरो में हैं, बहुत से घरो में दरकार है
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
बैठक में एक झरोखा था, झरोखे में नक्काशी थी
रहने वालों में प्रेम बहुत, हर रात पूरनमासी थी
बड़े पत्थरों वाली छत में सीलन और दरार है
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
गावँ का प्राचीन मंदिर था घने पीपल की छाँव में
मुखिये का बेटा इतराता था बाप की पक्की नाव में
बेटा अब विदेश बस गया, घर उसके खरपतवार है
कहीं दूर एक गांव है मेरा गांव की बातें हज़ार हैं
विद्यालय के प्रांगण में राम लीला मंचन होता था
मूंगफली खता नन्हा बच्चा रावण वध बाद ही सोता था
समाज के मस्तिष्क में अभी जहाँ सांस्कृतिक विचार हैं
कहीं दूर एक गांव है मेरा गांव की बातें हज़ार हैं
एक बेटा फौजी बनाया था, दूजे को हल पहनाया था
देश प्रेम के अंतर्गत शास्त्री जी को ही अपनाया था
एक बैल कसाई को बेच आया, दूजे की फोटो में हार है
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
दिन जल्दी से ढल जाता था, घनघोर अँधेरा लाता था
रात के सन्नाटे में, शेर बाघ का डर सताता था
बाघ बछिया मार रहा है, उसकी खाल बेशुमार है
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
गांव के स्कूलों में नित पहाड़े गाये जाते थे
आज़ादी की सालगिरह पर लड्डू लाये जाते थे
मोटी तनख्वाह की ऐश तले शिक्षक सब बीमार हैं
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
खेतों से चूल्हों तक सब स्त्री ही जिम्मेदार है
पेप्सी कोला हर घर में हैं, सड़क पे बियर बार है
पढ़ने वाले हैं चार चार, अफ़सोस एक अखबार है
दिल्ली से आगे जाते ही जो लैंडस्केप शानदार है
धुआं धुल और धूर्तता का जिस क्षेत्र में बहिष्कार है
तुम्हारे नहीं पहुँचने से जिन दुकानो में इतवार है
समय के पहिये की अब भी काफी धीमी रफ़्तार है
उस जगह की हर एक बस्ती को अपनों का इंतजार है
कहीं दूर एक गाँव है मेरा, गाँव की बातें हज़ार हैं
