मैं भगवान से हर पल मिलता
मैं भगवान से हर पल मिलता
आज इंटरनेट का युग,
हर रोज,
कई गुना जानकारी,
एक स्थन से,
दुसरे जगह जाती,
और हमें लावाभिंत करती।
ये जानकारी,
प्रकृति से पैदा होती,
यही हर बात को,
जन्म देेेती,
यही सच्ची शिक्षक,
अगर खेलोगे,
इससे ग़लत खेेल,
तो पाओगे,
वापस घोर आघात,
नहीं उठ पाओगे कभी,
रहना हो जाएगा दुर्बल।
अगर रखोगे तालमेल,
करोगे इसकी स्तुती,
पालोगे पोसोगे,
हर बात की रखोगे निगरानी,
तो ये देगी,
वापस तुम्हें वरदान,
सबकुुुछ होगा शुद्ध,
आपकी सेहत रहेगी तंदरुस्त,
बिमारी निकट नहीं आएगी,
दुनिया फलेगी फूलेगी।
इसलिए हमारा भगवान,
है प्रकृति,
मैं इससे हर पल,
रूबरू होता,
यही मेरी पालनहार।