मातृभूमि
मातृभूमि
मेरे देश की
हर बात ही निराली है...!
मेरा देश भारत
विश्वगुरु के
सर्वोच्च आसन पर
विराजमान है ।
ये देश उत्तर में
जम्मू और काश्मीर से
दक्षिण में
कन्याकुमारी तक विस्तृत है।
ये देश पूर्वोत्तर से
कच्छ तक संगठित है।
मेरे देश में
सांस्कृतिक एकता की
शक्ति है...
मेरे देश में
सांप्रदायिक सौहार्द एवं
सद्भाव की सकारात्मकता
प्रकाशमान है!
ऐ दुश्मन देश ! मेरे भारत को
विभाजित करने के
सब हथकंडे
बेशक़ बेकार जाएंगे...!
मेरे भारतवर्ष में
विश्व भातृत्वबोध
को जाग्रत करनेवाले
राष्ट्रवादी संत
स्वामी विवेकानंद जी ने
युवा शक्ति को
एकजुट करने में
अपना पूर्ण निस्वार्थ
योगदान दिया...
तभी हम आज
स्वयं को
अपने घर में
सुरक्षित एवं सुखी
महसूस करते हैं।
हम सगर्व कहते हैं :
"हमारा देश
गौतम बुद्ध और गुरुनानक देव
की पावन जन्मभूमि है !"
हमारे देश में
बापू को आदर्श माना जाता है।
हमारे देश में
सर्वधर्म समभाव को
महत्व दिया जाता है...
यहाँ की मिट्टी में
सोने जैसी फसल उगाते
परिश्रमी किसान
अपना सब कुछ
न्यौछावर करते
नहीं थकते।
हाँ, मुझे
अपनी मातृभूमि पर
बहुत गर्व है ! गर्व है ! गर्व है !