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मातम

मातम

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दो गज ज़मीन

हर तरफ खुद क्यों रही है

श्मशानों में ये हर तरफ

आग सुलग क्यों रही है

परिंदे भी ये जगह छोड़

कहीं और उड़ चले हैं

लगता है फिर कहीं

इंसानियत का इंतकाल हुआ है !


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