Not an author actually, love to pen down my feeling when I get carried away at some moments of life.
मंज़िल तक पहुंचा जाती थी वह साईकिल मेरी खो गई है ! मंज़िल तक पहुंचा जाती थी वह साईकिल मेरी खो गई है !
कोई ख्वाजा इस शहर में आया है...! कोई ख्वाजा इस शहर में आया है...!
लगता है फिर कहीं इंसानियत का इंतकाल हुआ है ! लगता है फिर कहीं इंसानियत का इंतकाल हुआ है !