इंसानियत के बारे में एक कविता...। इंसानियत के बारे में एक कविता...।
एक हलफनामा...। एक हलफनामा...।
बचपन के बारे में एक कविता...। बचपन के बारे में एक कविता...।
काश कि ऐसा होता...! काश कि ऐसा होता...!
जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है ! जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है !
तुम में क्या मानव सो गया है ? इतिहास की तरह पन्नो में खो गया है...? तुम में क्या मानव सो गया है ? इतिहास की तरह पन्नो में खो गया है...?