माता-पिता बनाम प्यार।
माता-पिता बनाम प्यार।
सुबह हो चाहे हो शाम,
रात हो या चाहे हो दिन।
क्यों हो रहें हो तुम इतने तंग,
घूमते-फिरते बनकर मलंग।
सिगरेट पीने से होती हानि,
पीकर क्या लाभ फिर जानी।
मत उड़ा धुएं में अपनी पतंग,
कसकर थाम ना डोर-ए-इश्क़।
तू क्या इस दुनिया में कभी भी,
कोई अकेला हो ही नहीं सकता।
जब तक है माता-पिता का हाथ,
बड़े से बड़ा संकट भी टल जाना।
ना मिले तो गिला-शिकवा कैसा,
जब प्यार से बड़ा प्यार तेरे पास।
माता-पिता का प्रेम तो है अमृत,
सामने जग के सारे प्रेम है फीके।
मत घूमना बेपरवाह होकर मलंग,
दिल दुखा माता-पिता का अपने संग।