माँ
माँ
माँ तुझसे ही होती है शुरू
सुबह सूरज की पहली किरण
महक़ है तेरी साँसों में मेरी
हूँ मैं तेरी ही परछाईं
तू है तो यह धरती भी जन्नत है मेरी
माँ मेरी हर मुस्कान की वजह है तू ही
घर भी घर होता है तूझसे
तूझे बनाकर ईश्वर भी ख़ुश है
तेरे आँचल की छाँव तले हर दुःख
होकर दूर दुआ बनकर
ज़िंदगी महक़ाता है मेरी।