माँ की स्तुति
माँ की स्तुति
जयति जय आदिशक्ति माता।
जयति जय आदिशक्ति माता।
ध्यान तेरा हम जब जब करते,
अपार आनंद आता, कण कण हर्षाता।।
है हममें ही वास तुम्हारा, हम सब है भूले।
तेरी करुणा कृपा तो हम पर, नित नित बरसे।।
नवदुर्गाओं में नवरूप तुम्हारा, भक्तों को सोहे।
जो भी आये शरण मे तेरी, कष्ट फिर क्यो होवे।।
अंतस में है वास तुम्हारा, हर चक्र में शक्ति तेरी।
शुद्ध अंतस, समर्पित मन से, मिलती भक्ति तेरी।
कितना हम गुणगान करे, कितना गाये भजन।
तेरी करुणा, ममत्व से, आंनदित हर जन का मन।।
आजाओ हे करुणामयी माँ, जन जन का उद्धार करो।
सोई प्रेम, करुणा को मां अब, पुनः तुम जाग्रत करो।।
टूटे हर कुमति का बंधन, सुमति ही हो हर ओर।
मौन में जो सुने तेरी वाणी, न सताए फिर कोई शोर।।