माँ के नाम
माँ के नाम
मां तुम जननी, तुम ही
ममता का प्रकाश हो,
मां तेरे कितने रूप हैं
बिन नानी मां के ननिहाल है सुना,
नानी मां कहानियों से मन कब है भरता,
मासी मां की डांट से अब दिल हुआ अधूरा,
मामी मां के स्नेह की छाया,
बड़ी छोटी नानी मां का प्यार दुलार
अडोसी पड़ोसी वाली काकी मांओं की,
दिल को छूने वाली पुचकार,
सब मांओं को समर्पित मेरी भावना।
ददिहाल में दादी मां की अजीब कहानी,
कितना अनुशासन और कठोर थी दादी,
किसी पराये से बात करने पर,
चिंगटी काट समझाती थी दादी,
भुआ मां के नाज नखरे और
उनकी मुस्कराती नजरों के बीच,
नये फंसाने अनुभव करती जिंदगानी,
काकी मां के लटकें झटके भी,
अजीब कहानी लिखते थे,
इन सारी मांओं का एक अलग ही खेमा था,
हम बच्चों का इनसे अनमोल ही रिश्ता था,
जीवन की बगिया को इन्होंने अपने,
प्यार और संस्कारों से निर्मित किया,
कच्चे घड़े से नादान थे हम,
अपने स्नेह की थाप से हमें इंसान बनाया,
इन सारी मांओं को मेरा नमस्कार, सलाम।
