Love letter
Love letter
मेरी प्रिय नर्गिस
मेरी कौम ईद मुबारक हो, मेरी दोस्त ईद मुबारक हो, मेरी नजर ईद मुबारक हो,मेरी अभिमान ईद मुबारक हो,मेरी ताकत ईद मुबारक हो,मेरी नुक्त ए नजर ईद मुबारक हो, मेरी लफ्ज़ ईद मुबारक हो,मेरी कविता ईद मुबारक हो, मेरी जान ईद मुबारक हो,मेरी माहौल ईद मुबारक हो, मेरी पहचान ईद मुबारक हो,मेरी करिश्मा ईद मुबारक हो,मेरी
चांँदनी ईद मुबारक हो,मेरी हकीकत ईद मुबारक हो,
मेरी प्रिए,
निकाह के बाद की तुम्हारी ये पहली ईद है,और कमबख्त किस्मत भी अजीब दास्तान कह गई मेरी प्रिए अल्लाह से शुक्र करता हूंँ वहा सब खैरियत होगा तुन्हारे गुलाबी हसीं चेहरे का नूर और वो हंसते वक्त पड़ता हुआ डिंपल आज भी वैसे ही रंगत भर देता होगा पूरे कमरे मे।
तुम भी सोच रहे होगे कि इस मोबाइल के युग में पत्र भेजना क्या पागलपन है?
लेकिन प्रिय मैं तुम्हें कैसे बताऊं ये पत्र एक अलग ही अभिव्यक्ति व्यक्त करती है जो आज के समय के मोबाइल अभिव्यक्त नही कर सकते।
मैं आशा करता हूंँ अब्बू अम्मी और सभी लोग भी शकुशल होंगे।
मेरी प्रिए मैं जानता हूंँ तुम बहुत नाराज़ हो मुझसे लेकिन प्रिए यहांँ जीवन का हाल बेहाल है। कोरोनावायरस से यहां जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई है।
इस पत्र को लिखने से पहले में चार पांच बार और लिखने की कोशिश कर चुका हूंँ लेकिन पांचों बार मैं संतुष्ट न हुआ और उन्हें तुम तक भेजने से पहले ही फाड़ कर फेक चुका हूंँ ऐसा लगता है की कोई भी शब्द मेरी भावनाओं को ठीक ठाक अभिव्यक्त कर पाने में सक्षम नही है अब ये जैसी भी चिट्ठी बनेगी मैं तुम तक इसे जरूर भेजूंगा।
खैर मेरे पास जो पैसे हैं मैं तुम तक भेज रहा हूंँ वह कश्मीरी दुपट्टे तुम जरूर खरीदना तुम्हें पसंद था ना वह?
अब मैं यह अपना भाषणनुआ पत्र लिखना बंद कर रहा हूंँ।
तुम्हारे पैरों की उगंलिया का चुम्बन लेने को तड़प रहा हूंँ तुम्हें बांहों में ईर्द गिर्द समेट कर चिपट जाने की ख्वाहिश है मेरी।
तुम कहती थी ना अगर मेरा कोई पत्र पढ़ ले तो क्या होगा ?
तो पढ़ने दो लोगों को और जलन महसुस होने दो।
तुम्हारा दानिश।

