लोग खुद को रावण समझते हैं
लोग खुद को रावण समझते हैं
कुछ लोग तो अपने आप को रावण समझते हैं इस दुनिया में,
कहते हैं हर साल रावण दहन होता है ,
पर उनसे पूछो असली रावण कौन है इस दुनिया में,
लंका के रावण ने तो सिर्फ युद्ध किया था और सीता को को हरण किया था ,
रावण को तो अहंकार और घमंड था,
जो असल जिंदगी के रावण हैं ,
वह यह बलात्कारी हैं ,
जो अहिंसा करते हैं ,
शोषण करते हैं ,
किसी अबला नारी का,
तुम जैसे रावण से अच्छा तो ,
वह रावण था,
बस उसने तो अबला नारी का सिर्फ किडनैप किया था,
तुम तो यौन शोषण और बलात्कार जैसे काम करते हो,
रावण दहन तो बलात्कार जैसे लोगों का होना चाहिए ,
ताकि उस रावण का नहीं ,
उसने तो सिर्फ युद्ध में हारा था ,
कोई गलत काम थोड़ी किया था,
तभी हर कोई बलात्कारी का रावण दहन करना चाहिए,
अभी कुछ रावण की अकल ठीक हो जाएगी,
देश में ऐसे यौन शोषण और बलात्कार और हत्या जैसे
जुर्म भी खत्म हो जाएंगे ,
तभी तो देश सुधरेगा ,
तभी ऐसे रावण दहन होंगे,
तभी देश का बदलाव होगा,
ऐसा कदम उठाएंगे,
तभी ऐसे रावण लोग और राक्षस लोगों में सुधार होगा ,
इसलिए ऐसा रावण दहन और राक्षसों का खत्म करना बहुत जरूरी है ,
तभी देश सुधरेगा और तभी देश बदलेगा ,
जय हिंद!! वंदे मातरम!!!
