मेरे बचपन की यादें
मेरे बचपन की यादें
बचपन में स्कूल जाना
स्कूल से घर आना
टीवी के सामने बैठ जाना
अपने मम्मी के सीरियल
हटाकर अपने कार्टून लगा लेना
मैं पसंदीदा कार्टून
मोटू पतलू डोरेमोन
शिनचैन और भी बहुत सारे कार्टून
फिर दोपहर को अपना सो जाना
शाम होते ट्यूशन जाना
ट्यूशन से आकर अपने
दोस्तों के साथ खेलने जाना
फिर खेलने के बाद अपना
वापसी कार्टून देखना
फिर रात को थोड़ा माँ के साथ
सीरियल देखना
खाना खा कर सो जाना
वह दिन मुझे आज भी याद आते हैं
और वह मेरा बचपना आज भी
नहीं गया है
मैं आज भी वह सारे कार्टून
देखा करता हूं जब भी मुझे वक्त मिलता है
मैं कार्टून देखने का बहुत शौकीन हूं
जो मुझको सबसे ज्यादा अच्छे लगते हैं
कार्टूनों के कलाकारी
इसलिए कभी भी अपना बचपना ना छोड़ो
बचपना ही सबसे बड़ा बड़प्पन है.
